उस सुबह का इंतजार है मुझे
जिस सुबह में सब की खातिर प्यार हो
वास्ता एक दूसरे के हो गमों से
रास्ता एक दूसरे के हो दिलों से
एक सा हर शख्स से व्यवहार हो
उस सुबह का इंतजार है मुझे….
ज़्यादती कोई किसी पर न करे
जी सके कमज़ोर भी यहां बिन डरे
कर्ज़वान न कोई साहूकार हो
उस सुबह का इंतजार है मुझे….
बहुओं का भी बेटियों सा मान हो
बेटे और बेटी का हक समान हो
न औरत के सिर इज़्जत की तलवार हो
उस सुबह का इंतजार है मुझे…..
धर्म में पाखंड कोई न रहे
अंधश्रद्धा में ज़माना न बहे
सब मतों का तर्क ही आधार हो
उस सुबह का इंतजार है मुझे….
तेरा मज़हब मेरा मज़हब न लड़े
जात-गोत के नाम पर जंग न छिड़े
नफरतों का बंद कारोबार हो
उस सुबह का इंतजार है मुझे…..
उस सुबह का इंतजार है मुझे
जिस सुबह में सब की खातिर प्यार हो।
– अविनाश सैनी
#9416233992