राजस्थान में सियासी भूचाल के बीच गहलोत खेमा अपनी सरकार बचाने की कवायद में जुटा है। इसी कड़ी में विपक्ष से पॉलिटिकल डिस्टेंसिंग बनाते हुए 245 कमरे वाले एक होटल को बाकायदा सत्तापक्ष के विधायकों का सियासी ठिकाना बना दिया गया है। होटल में 2 लेयर सुरक्षा और पास के साथ एंट्री की व्यवस्था बताती है कि भाजपा और बागी खेमे की सरकार समर्थक विधायकों में सेंधमारी का खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए पुख्ता इतंज़ामों के बीच विधायकों को विपक्ष से सुरक्षित करने की हर कोशिश की जा रही है।
जयपुर के पास दिल्ली रोड पर कूकस इलाके में बना होटल फेयरमाेंट! प्रदेश में सियासी उठापटक को देखते हुए सरकार ने गहलोत खेमे के कांग्रेसी विधायकों को यहीं ठहराया गया है। फेयरमाेंट होटल किले की तरह बनाया गया है और इसकी सुरक्षा भी किले जैसी है। यहां विधायक शतरंज, फुटबॉल, कैरम और लूडो खेलकर समय काट रहे हैं। महामारी के दौर में इस होटल में गिना-चुना स्टाफ लगा था, लेकिन विधायकों को ठहराए जाने के बाद स्टाफ के 200 से ज्यादा लोगों के पास बनाए गए हैं। पास चेक करने के बाद ही किसी को होटल में एंट्री दी जा रही है। होटल की गार्डनिंग से लेकर किचन और रूम सर्विस जैसी आठ सर्विसेज के लिए 650 लोगों का स्टाफ है।
100 पुलिसकर्मी यहां 3 शिफ्टों में लगाए गए हैं। मुख्य गेट के साथ ही होटल के एंट्री पाॅइंट पर चैकिंग का सख्त इंतजाम है। यहां तक कि विधायकों के लिए जरूरी सामान लाने वालों को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं है। उन्हें कोई भी चीज एंट्री पाॅइंट पर ही देकर जानी होती है। पुलिस की ओर से अपनी फ्रिक्वेंसी पर होटल के वायरलेस सिस्टम को ही काम में लिया जा रहा है।
बाहर से आने वालों की डिटेल रखी जा रही है। बीते बुधवार को विधायक विनोद चौधरी और विजयपाल मिर्धा का जन्मदिन होटल में मना। रात को केक काटा गया। इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद रहे। वहीं प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (बीच में सफेद कुर्ते में) खास कुर्सी पर यूं नजर आए।
होटल में सरकार के विश्वस्त विधायकों ने बखूबी अपनी जिम्मेदारियां संभाली हुई हैं। बीडी कल्ला सुबह सब को मेडिटेशन करा रहे हैं। महेश जोशी भीतर का मैनेजमेंट भी देख रहे हैं। महेंद्र चौधरी, रफीक खान इनका साथ दे रहे हैं। बोरियत दूर करने के लिए शांति धारीवाल क्रिकेट पर हाथ आजमा रहे हैं। महिला विधायक लूडो खेलकूद समय बिता रही हैं। तो बाबूलाल नागर मॉर्निंग वॉक, मेडिटेशन के साथ टीवी में ही व्यस्त रहते हैं।
प्रदेश में शह-मात का खेल अभी जारी है। एक ओर जहां, बागी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से बातचीत करके मनाने की कोशिश हो रही हैं, तो दूसरी ओर, उनके समर्थकों पर निलंबन की तलवार लटकाकर दबाव बनाया जा रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चितम्बरन और पायलट के बीच बात हुई है।
कहा जाता है कि उन्हें माफ करने और सम्मान लौटने का आश्वासन दिया गया है। इसी बीच, उनके विश्वस्त विश्वेन्द्र सिंह और भंवर लाल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। आगे क्या होगा इसका जवाब तो वक्त के गर्भ में है। बहरहाल गहलोत सरकार विधायकों की घेरेबंदी करके खुद को बचाने में कामयाब रही है।