हरियाणा सरकार किलोमीटर स्कीम के विरोध में 16 अक्टूबर 2018 से 2 नवंबर 2018 तक हड़ताल पर रहे रोडवेज कर्मचारियों का 18 दिन का काटा गया वेतन देने को राजी हो गयी है। इसके अलावा, सरकार ने 2018 में रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में अन्य विभाग के कर्मचारियों के द्वारा लिए गए सामूहिक अवकाश एवं हड़ताल में शामिल होने की तिथियों को “लीव ऑफ काइंड ड्यू” मान लिया है। निश्चित ही, हरियाणा के हड़ताली कर्मचारियों के लिए यह बड़ी राहत की बात है।
आपको बता दें कि प्रदेश में प्राइवेट कंपनियों को किलोमीटर स्कीम पर बस चलाने की अनुमति देने के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों ने 2018 में 18 दिन लंबी हड़ताल की थी, जो बाद में अदालत के हस्तक्षेप के बाद खत्म हो पाई थी।यह भी उल्लेखनीय है कि बाद में किलोमीटर स्कीम के तहत ठेके देने में भारी धांधली भी उजागर हुई थी और इसमें कई वरिष्ठ अधिकारीरियों के शामिल होने की बात सामने आई थी। हड़ताल के दौरान रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में अन्य विभागों के कर्मचारियों द्वारा 26 अक्टूबर 2018 को सामूहिक अवकाश लिया था। साथ ही, 30 और 31 अक्टूबर 2018 को दो दिन की हड़ताल की थी। इसके अलावा, इस साल 8 जनवरी को सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर में हड़ताल की गई, जिसमें हरियाणा के कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया था। कर्मचारी इन दिनों की पूरी तनख्वाह देने की मांग कर रहे थे।
रोडवेज कर्मचारियों को हड़ताल के दौरान का पूरा वेतन देने का फैसला करते हुए अब सरकार ने सामूहिक अवकाश और राष्ट्रव्यापी हड़ताल को भी लीव ऑफ काइंड ड्यू मान लिया है। इस तहत सभी हड़ताली कर्मचारियों को उनका काटा गया वेतन जारी कर दिया जाएगा।