रोहतक। हरियाणा में 3 साल पहले हुए रोहतक के चर्चित जाट अखाड़ा हत्याकांड में कोर्ट ने 6 हत्याओं के दोषी सुखविंदर कोच को फांसी की सजा सुनाई है। हत्या के लिए हथियार सप्लाई करने वाले पूर्व फौजी मनोज को भी 3 साल कैद की सजा सुनाई गई है। इससे पहले बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। दोनों पक्षों के बीच करीब 45 मिनट तक हुई बहस को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बहस में पीड़ित पक्ष के वकील जय हुड्डा ने कोर्ट से आरोपियों को फांसी की सजा सुनाने की पैरवी की थी। उन्होंने कहा था कि आरोपी ने जितनी बेरहमी से गुनाह किया है, वह रेयर ऑफ द रेयरेस्ट की श्रेणी में आता है। उसने 7 लोगों को गोली मारी थी, जिनमें से 6 की मौत हो गई। इनमें, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। दूसरी ओर, दोषी के वकील ने रहम की अपील की थी, जिसे अदालत ने ठुकरा दिया।
रंजिशन हत्या को अंजाम दिया : जिन 6 लोगों की हत्या की, उनसे व्यक्तिगत रंजिश रखता था दोषी
मनोज-साक्षी ने आरोपी को अखाड़े में आने से रोका
जाट कॉलेज अखाड़ा के सीनियर कोच मनोज मलिक ने आरोपी कोच सुखविंदर को उसके खिलाफ मिल रही शिकायतों के कारण अखाड़े में आने से मना किया था। मनोज मलिक जाट कॉलेज में डीपी के पद पर कार्यरत थे। कॉलेज के पीछे बना अखाड़ा भी मनोज की देखरेख में चलता था। इसी अखाड़े में सुखविंदर भी कोचिंग देता था। वारदात के करीब ढाई माह पहले, दिसंबर 2020 में, कुछ महिला खिलाड़ियों ने मनोज से सुखविंदर की शिकायत की थी।
शिकायत मिलने के बाद मनोज ने सुखविंदर को कोचिंग देने के लिए अखाड़े में आने से मना कर दिया था। इसी रंजिश के चलते मनोज और साक्षी की हत्या की गई थी। इनके 2 साल के बेटे सरताज की किसी के साथ कोई दुश्मनी नहीं थी। लेकिन, उसके सिर में भी गोली मारी गई थी, जो आंख से आर-पार हो गई थी। सरताज ने 4 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जद्दोजहद करने के बाद दम तोड़ दिया था।
अखाड़े में अनदेखी से आहत था
गांव मोखरा का रहने वाला प्रदीप मलिक अखाड़े में कभी-कभी कोचिंग देने के लिए आता था। वह रेलवे में टीटी था और समय मिलने पर अखाड़े में आता था। पहले इसी अखाड़े में सुखविंदर ने उसे ट्रेनिंग दी थी। लेकिन कुछ समय से प्रदीप और दूसरे कोच सतीश में नजदीकियां बढ़ गई थीं और सुखविंदर को लग रहा था कि उसकी अनदेखी हो रही है।
दूसरे कोच को महत्व मिलने से नाराज था
गांव मांडोठी निवासी कोच सतीश दलाल इसी अखाड़े में वह सुखविंदर के साथ कोचिंग देता था। इसी बीच खिलाड़ी कोच सुखविंदर से कोचिंग लेने से कतराने लगे थे और सतीश को अहमियत देने लगे थे। इसी कारण खिलाड़ियों को लेकर दोनों के बीच आपसी मनमुटाव भी पैदा हो गया था।
खिलाड़ी पूजा तोमर ने की थी शिकायत
उत्तर प्रदेश के मथुरा की रहने वाली पहलवान पूजा तोमर दंगल फिल्म देखकर हरियाणा के रोहतक में कुश्ती सीखने आई थी। वह इसी जाट अखाड़ा में ट्रेनिंग ले रही थी। यहां पर आरोपी सुखविंदर उसे परेशान करता था, जिसकी शिकायत पूजा ने सीनियर कोच मनोज को दी थी। इसी शिकायत पर मनोज व साक्षी ने सुखविंदर को अखाड़े में आने से रोक दिया था।
मना करने के बावजूद अमरजीत बना था मेहरसिंह अखाड़े के कोच
अमरजीत मेहर सिंह अखाड़े में कोचिंग देते थे। उनसे पहले सुखविंदर वहां प्रैक्टिस करवाता था। शिकायत मिलने के बाद सुखविंदर को हटा दिया गया था और अमरजीत को कोच नियुक्त किया था। सुखविंदर ने अमरजीत को अखाड़े में कोच बनने से मना किया था, लेकिन अमरजीत नहीं माना। यही रंजिश उसके मन में पल रही थी।
वारदात वाली शाम सुखविंदर ने अमरजीत को मेहर सिंह अखाड़े से फोन करके बुलाया था और उसे गोली मार दी थी। लगभग 10 दिन के इलाज के बाद उनकी जन बच गई थी।