रोहतक 27 जून। आज यहां हरियाणा के विभिन्न जिलों से आए कलाकारों ने कोरोना लॉकडाउन में कलाकारों की दयनीय स्थिति और सरकार द्वारा उनकी अनदेखी के मुद्दे एक मीटिंग का आयोजन किया गया। मीटिंग की अध्यक्षता आकाशवाणी रोहतक के पूर्व निदेशक कैलाश वर्मा ने की।
मीटिंग में तय किया गया कि पूरे हरियाणा के कलाकारों को लेकर एक वेलफेयर एसोसिएशन का गठन किया जाए और लॉकडाउन के दौरान स्वयं ही अपने अक्षम कलाकारों की आर्थिक मदद की जाए, क्योंकि सरकार की तरफ से सारी उम्मीद अब खत्म हो चुकी है। वर्मा ने कहा कि चारों मंडलों में जाकर मीटिंग का आयोजन किया जाए और सभी कलाकारों को संगठन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही, प्रत्येक जिले के जरूरतमंद कलाकारों तक सक्षम कलाकारों की मदद से राशन पहुंचाया जाए, ताकि उनके घर का चूल्हा जलता रहे। पवन बक्शी यमुनानगर, ऋषि पाल कुरुक्षेत्र, सुभाष नगाड़ा रोहतक, जितेंद्र रोहतक, सतवीर सिंह हिसार, बलकार सिंह, जींद और विश्व दीपक त्रिखा सहित सभी कलाकारों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव का समर्थन किया।
इस से पूर्व अंबाला से आए हुए लोक कलाकार बुधराम ने कलाकारों की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 60 साल से ऊपर के कलाकारों को कम से कम दस हजार रुपए पेंशन मिलनी चाहिए तथा लॉकडाउन में सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा तथा हरियाणा कला परिषद द्वारा फौरी तौर पर कलाकारों को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।
कुरुक्षेत्र से आए वरिष्ठ संगीतज्ञ डॉ जसवंत सिंह ने कहा कि पूरे हरियाणा के कलाकारों को एक मंच पर इकट्ठा होने की जरूरत है। रोहतक के प्रसिद्ध रंगकर्मी विश्व दीपक त्रिखा ने प्रदेश के कलाकारों को लेकर एक कमेटी का गठन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कमेटी सभी कलाकारों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ उन्हें मंच भी प्रदान करे। उन्होंने कहा कि कलाकारों को सरकार पर आश्रित नहीं रहना चाहिए क्योंकि सरकार की नजर में कलाकारों का कोई अस्तित्व है ही नहीं। कलाकारों को अपना मंच खुद ही तैयार करना होगा।
यमुनानगर से आए रंगकर्मी पवन बख्शी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसी कलाकार की तरफ ध्यान नहीं दिया। इसलिए कलाकारों को स्वयं ही हर जिले में जाकर पूरे प्रदेश के उन लोगों का बायोडाटा इकट्ठा करना चाहिए, जो किसी भी तरह की कला से जुड़े हैं। फिर स्थानीय कमेटी के माध्यम से उनको सहायता पहुंचे जाए। रोहतक के लोक कलाकार सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार में कलाकारों को लेकर कला एवं सांस्कृतिक विभाग चंडीगढ़ एवं हरियाणा कला परिषद कुरुक्षेत्र सहित दो विभाग हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने दोनों विभागों की स्थापना हरियाणा की कला एवं संस्कृति को बचाने के उद्देश्य से की थी, लेकिन इन दोनों विभागों ने कोविड-19 में कलाकारों की ही कोई सुध नहीं ली। इसलिए इन दोनों की विभागों को ताले लगा देनी चाहिए।
कलाकारों की आगामी बैठक 4 जुलाई को कुरूक्षेत्र में होगी। इसके बाद 11 जुलाई को हिसार तथा 18 जुलाई को गुड़गांव में बैठक कर कलाकारों को एकजुट किया जाएगा।
– अविनाश सैनी।