नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है किअब राजद्रोह को परिभाषित करने का समय आ गया है। कोर्ट ने यह टिप्पणी सांसद आर कृष्णम राजू के कथित आपत्तिजनक भाषण को प्रसारित करने पर राजद्रोह के आरोप का सामना कर रहे दो तेलुगू न्यूज चैनलों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए की। कोर्ट ने इस मामले में आंध्र प्रदेश सरकार से चार हफ्तों में जवाब तलब किया है। 31 मई को केस की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ‘आंध्र सरकार को इन दो चैनलों, टीवी 5 और एबीएन आंध्र ज्योति के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाना चाहिए। चैनलों के खिलाफ आंध्र सरकार की ओर से राजद्रोह की कार्रवाई करना सही नहीं है। अब समय आ गया है कि कोर्ट, राजद्रोह को परिभाषित करे।’
बता दें कि तेलुगु चैनल टीवी 5 और एबीएन आंध्र ज्योति ने सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। इन चैनलों पर आंध्र सरकार की ओर से राजद्रोह और वाईएसआर कांग्रेस के बागी सांसद आर कृष्णम राजू के विचारों को प्रसारित करने की साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि मीडिया पर अंकुश लगाने के राज्य के इस कदम का मीडिया हाउसों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यह एफआईआर चैनलों की किसी भी साठगांठ को स्थापित करने में विफल रही है, इसलिए उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया जाए और संविधान के तहत गारंटीशुदा अधिकारों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करे। याचिकाओं में कहा गया था कि शीर्ष अदालत को हस्तक्षेप करना चाहिए और चैनलों को बिना किसी सरकारी उत्पीड़न के अपने पेशे को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जानी चाहिए।