रोहतक। महर्षि दयानंद विश्विद्यालय के स्टूडेंट एक्टिवीटी सेंटर में MDU Study Circle द्वारा मीडिया और लोकतंत्र (media and democrecy) लोकतंत्र विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल गांव सवेरा के संस्थापक मनदीप पूनिया इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भारतीय पत्रकारिता का जन्म इस देश की आजादी के आंदोलन के समय हुआ। लोगों में राजनीतिक चेतना की अलख जगाने वाले आंदोलन के नेता जैसे भगत सिंह, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, बी.आर. अंबेडकर एक पत्रकार भी रहे हैं।
मनदीप पुनिया ने कहा, “मीडिया एक टूल भर है। जब सत्ता मज़बूत होती है तो वह इसका इस्तेमाल करती है और जब लोग या आंदोलन मज़बूत होते हैं तो वे इसका इस्तेमाल करते हैं। उदारवादी लोकतंत्र में स्वतंत्र प्रेस इसलिए ज़रूरी होती है ताकि जनता की आवाज़ सत्ता में बैठे लोगों तक पहुँच सके। घोषित आपातकाल में मीडिया संस्थानों के घुटने टेकने को रेंगना कहा था तो इस समय जो सत्ता के साथ साझेदारी कर अपने ही अवाम की आवाज़ को दबाने का काम कर रहे हैं उनके लिए आम लोग गोदी मीडिया शब्द का इस्तेमाल करने लगे हैं।
मनदीप ने कहा कि आज़ादी के बाद हुए तथाकथित आर्थिक सुधारों और उसके परिणाम स्वरुप प्राइवेट प्लेयर्स के मीडिया क्षेत्र में प्रवेश के बाद से मीडिया की साख गिरी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाने वाला मीडिया वर्तमान में राजनीतिज्ञ और कॉर्पोरेट घरानों के भागीदार के तौर पर काम कर रहा है और इसी वजह से इसके लिए गोदी मीडिया शब्द ईजाद हुआ है। उन्होंने यह भी दर्ज करवाया कि वर्तमान समय में पत्रकारों और पत्रकारिता के संस्थानों पर हमले बढ़ गए हैं। पत्रकारिता और आतंकवाद को एक दूसरे का पर्याय बना दिया गया है। जो भी सरकार के खिलाफ बोलता है उस पर केस दर्ज कर दिया जाता है। पत्रकारिता के क्षेत्र में निष्पक्षता के सवाल पर मनदीप ने कहा की निष्पक्षता तथ्यों के आधार पर तय होनी चाहिए।
ऑनलाइन यूट्यूब चैनल गुरुकुल ऑफ पॉलिटिक्स के संस्थापक और पॉलिटिक्स ऑफ़ चौधर पुस्तक के लेखक डॉक्टर सतीश त्यागी ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए जरूरी है, कि इन मूल्यों की शुरुआत हमारे घर परिवार और नागरिक समाज से हो। गुरुकुल और पॉलिटिक्स के सह संस्थापक सीनियर जर्नलिस्ट धर्मेंद्र कावरी ने मनदीप पूनिया को उनकी पुस्तक “किसान आंदोलन ग्राउंड जीरो” के लिए बधाई देते हुए मुद्दों पर आधारित पत्रकारिता करने के लिए उनकी सराहना की।
बीबीसी, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, 101 रिपोर्टर्स में फ्रीलांस जर्नलिस्ट के रूप में कार्यरत सीनियर जर्नलिस्ट सतसिंह ने कहा कि पत्रकार के रूप में अगर आप सवाल नहीं पूछ रहे हैं तो आप इस प्रोफेशन के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही अगर देश के नागरिक सही सवाल पूछना शुरू कर देंगे तो देश की कई समस्याएं हल हो जाएंगी।
जाने माने लेखक अमित ओल्याहण ने कहा कि ग्राउंड पर जाकर ही सच का पता लगाया जा सकता है। सोशल मीडिया पर अधिक वक्त बिताने की बजाय अच्छी किताबें पढ़नी और अच्छे लोगों को सुनना चाहिए।
कार्यक्रम में न्यूज़ पोर्टल सारी दुनिया के संपादक अविनाश सैनी और विश्वविद्यालय के शोधार्थी, विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मीडिया शोधार्थी कुलदीप ने किया। इस मौके पर शोधार्थी प्रिया कुसुम, मोनिका, दीप्ती, मोनू, मंजीत सरोहा, मंजीत सोलंकी, अमित दहिया, अमित, अनिल, रोबिन, मनीष, मोहित नरवाल, किरण, निशा, पूजा, प्रवीन, नीरज,जसमिंदर आदि मौजूद रहे।