हरियाणा में मेयर तथा नगर निगम, नगर परिषद व नगरपालिका सदस्यों के चुनाव के खर्च की सीमा बढ़ा दी गई है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, अब मेयर के लिए अधिकतम चुनाव खर्च की सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ा कर 22 लाख कर दी गई है। इसी प्रकार, नगर निगम सदस्यों के लिए खर्च की सीमा 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5.50 लाख रुपए, नगर परिषद के सदस्यों के लिए 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 3.30 लाख रुपए और नगरपालिका सदस्यों के लिए 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.25 लाख रुपए कर दी है।
राज्य निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि अब नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिका चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार या उनके चुनाव एजेंट द्वारा चुनाव खर्च का पूरा ब्यौरा रखना होगा और परिणाम घोषित होने से 30 दिनों के अंदर खर्च का ब्यौरा जिला उपायुक्त के पास जमा कराना होगा। यदि कोई उम्मीदवार निर्धारित समयावधि में चुनाव खर्च का ब्यौरा पेश करने में असफल होता है तो आयोग उसे अयोग्य घोषित कर सकता है। ऐसे में उम्मीदवार आदेश जारी होने की तिथि से 5 साल तक के लिए आयोग्य घोषित किया जा सकता है।
आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि उम्मीदवार को स्वयं या उसके अधिकृत चुनाव एजेंट को नामांकन पत्र भरने से लेकर चुनाव परिणाम घोषित होने वाले दिन तक, चुनाव से जुड़े सभी खर्चों के लिए अलग से खाता रखना होगा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार द्वारा किया गया कुल खर्च निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए। यदि किसी उम्मीदवार या उसके चुनाव एजेंट ने उपरोक्त सीमा से अधिक धनराशि खर्च की या उनके खिलाफ नियमों के उल्लंघन का कोई मामला सामने आया, तो राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।