– नसीरुद्दीन शाह की साली थी सुरेखा
– बालिका वधु से हुई थी लोकप्रिय
– तमस और बधाई हो में भी किया था उम्दा अभिनय
– तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाज़ी जा चुकी थी
– अंतिम फ़िल्म घोस्ट स्टोरी थी, जिसमें वे जाह्नवी कपूर के अपोजिट थीं
सारी दुनिया। टीवी और हिंदी फिल्मों की मशहूर व उम्दा अभिनेत्री सुरेखा सीकरी के आकस्मिक निधन पर प्रदेश के कलाकारों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। इस अवसर पर आयोजित ऑनलाइन शोक सभा में रंगकर्मियों ने कहा कि स्वर्गीय सीकरी का निधन अभिनय के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्षति है, जो निकट भविष्य में पूरी नहीं हो पाएगी।
हरियाणा की पहली फिल्म बहुरानी के निर्माता व निर्देशक अरविंद स्वामी ने कहा कि इस तरह की जबरदस्त अभिनेत्री कई युगों में पैदा होती है। वे अभिनय के साथ-साथ बहुत ही हंसमुख और संवेदनशील महिला थीं। सदा जीवन और उच्च विचार उनकी सोच थी। Bollywood के ही उनके साथी और जबरदस्त अभिनेता राजेंद्र गुप्ता (Panipat) ने कहा कि यह उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। वे राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में उनकी सहपाठी थीं और बहुत से नाटकों में उन्होंने एक-साथ अभिनय किया था। उन दोनों का शुरूआती नाटक “देवयानी का कहना है” बहुत ही चर्चित रहा था। SUPVA, Rohtak के Dean जितेंद्र जीतू ने इसे bollywood की बड़ी क्षति बताया। जीतू ने सीकरी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इस नुकसान को जल्दी से भूल पाना असम्भव है। मनोहर सिंह के साथ किए उनके नाटक “आधे अधूरे” को आज भी मील का पत्थर माना जाता है।
MDU, Rohtak के युवा कल्याण निदेशक जगबीर राठी ने कहा कि ऐसे कलाकार सदियों में पैदा होते हैं और अपनी अमिट छाप छोड़ जाते हैं। हरियाणा के वरिष्ठ रंगकर्मी विश्व दीपक त्रिखा ने कहा कि उन्होंने सत्तर के दशक में एनएसडी की रेपेट्री के बहुत से नाटक देखे थे और तकरीबन सभी नाटकों में सुरेखा और उत्तरा बावकर मुख्य भूमिका में होती थीं। त्रिखा ने कहा कि उनका अभिनय का स्तर देख कर उन्हें हैरानी होती थी कि अभिनय इतना स्वाभाविक भी हो सकता है। “बधाई हो” फिल्म में उनके अभिनय के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया था और सुरेखा सीकरी ने खुद माना था कि उनकी दूसरी पारी की शुरुआत अब हुई है। पत्रकार और संस्कृतिकर्मी अविनाश सैनी ने कहा कि थियेटर, टीवी और फिल्मों में अपनी धाक जमा चुकीं 75 वर्षीय सुरेखा जी के अभिनय की ऊंचाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें तीन बार नेशनल अवार्ड से नवाजा गया था। तमस में दर्शकों की वाहवाही लूटने के अलावा उन्होंने बालिका वधु की दादीसा के रूप में भी खूब नाम कमाया था। उनके निधन से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान हुआ है।
यशबाबू एंटरटेनमेंट के निदेशक एवं निर्माता-निर्देशक राजेंद्र वर्मा यशबाबु ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि काल के क्रूर हाथों ने एक बेहतरीन अभिनेत्री को हमसे छीन लिया। वे अभिनय का एक चलता-फिरता स्कूल थीं।