
सप्तक रंगमंडल, पठानिया वर्ल्ड कैंपस और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा हर सप्ताह आयोजित संडे थियेटर में इस बार नाटक की बजाय सुरों की महफिल सजी। स्थानीय आईएमए हाल में हुई “सप्तक संगीत संध्या” में स्थानीय कलाकारों ने गीत, गजल और सूफी संगीत के ऐसे रंग बिखेरे कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। सबसे बड़ी बात यह रही कि संगीत संध्या में घर बैठे लोगों की फरमाइश पर भी गीत सुनाए गए। असल मे पहली बार कार्यकम का सारी दुनिया यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण किया गया था। इसके माध्यम से सभागार में न आने वाले संगीत प्रेमियों ने भी कार्यक्रम का आनंद लिया और अपनी फरमाइश के नग्मे सुने।
कार्यक्रम की शुरुआत मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. हरीश वशिष्ठ की क्लासिकल गीतों और गज़लों से हुई। उनकी गज़ल ‘सोने जैसा रंग है तेरा, चांदी जैसे बाल, एक तू ही धनवान है गोरी, बाकी सब कंगाल’ खूब सराही गई। इनके बाद विकास रोहिल्ला में मंच संभाला और एक के बाद एक कई मेलोडियस गीत सुनाए। उन्होंने जब “आजा तुझको पुकारें मेरे गीत और तुम अगर साथ देने का वादा करो, मैं यूं ही मस्त नग्मे सुनाता रहूं” जैसे गीत गए तो दर्शक भी झूमने पर मजबूर हो गए। यहां तक कि विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे आईएमए के प्रधान डॉ. जेपी अरोड़ा भी खुद को गाने से नहीं रोक पाए और माइक लेकर सुर में सुर मिलाने लगे। उन्होंने ‘तुझसे नाराज नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूं’ जैसे बेहतरीन गीत को अपनी आवाज दी और ‘एक मेरी जोहरा जबी, तुझे मालूम नहीं…’ पर तो ऐसे ठुमके लगाए कि लोग भी साथ में गाने लगे।

इसके बाद जब मधु चोपड़ा ने ‘मुझे इश्क है तुझी से, मेरी जान-ए-जिंदगानी’ गाया जैसे माहौल भी इश्किया हो गया। एंकर प्रिंस ने पंजाबी सूफी संगीत की पेशकश ने कार्यक्रम को अपनी पराकाष्ठा पर पहुंचा दिया। अमित शर्मा की प्रस्तुति ‘मैं जट्ट यमला पगला दीवाना हो रब्बा, इत्ती सी बात न जाना’ तो इतनी धमाकेदार रही कि सप्तक के प्रधान विश्वदीपक भी नाच उठे। सचिन और आशीष सहगल के गीतों ने भी संगीत संध्या को सुरमयी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संगीत संध्या की परिकल्पना विकास, हरीश वशिष्ठ और सुभाष नगाड़ा ने की। दीपक चावला, सुभाष और बॉबी सागर ने संगतकार के रूप में कार्यक्रम को चार चांद लगाए। मंच का संचालन सुजाता रोहिल्ला ने किया।

ये रहे उपस्थित
संडे थियेटर की इस 12वीं प्रस्तुति के अवसर पर नरेन्द्र सिंह बड़क मुख्यातिथि और रंगकर्मी अलकेश दलाल व डॉ. अरोड़ा विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे। संगीत संध्या में हरीश गेरा, अविनाश सैनी, डॉ. परमभूषण आर्य, ब्रह्मप्रकाश, वीरेंद्र फोगाट, राघवेंद्र मालिक, डॉ. संजय, जगदीप जुगनू, सन्नी कौशिक, शक्ति सरोवर त्रिखा, डॉ. सुरेन्द्र कृष्ण और मनोज भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
बता दें कि संडे थियेटर का आयोजन हर रविवार को शाम 6.30 बजे स्थानीय आईएमए हाल में किया जाता है। प्रवेश सभी के लिए निःशुल्क रहता है।

