– दिल्ली के ‘भव्य कल्चरल सोसाइटी’ के कलाकारों ने दिखाया नाटक।
– कई नए प्रयोग किये गए नाटक में।
– नाटक के 2 अंत दिखाए।
– दिखाया कि आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं।

रोहतक, 27 दिसंबर। ‘सप्तक रंगमंडल, पठानिया वर्ल्ड कैंपस, सोसर्ग और अभिनव टोली द्वारा आयोजित घरफूंक थियेटर फेस्टिवल में इस बार प्रताप सहगल के नाटक “मौत क्यूं रातभर आती नहीं” का मंचन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में ही बरसात आने के बावजूद कलाप्रेमियों ने प्रस्तुति का भरपूर आनन्द लिया। हास-परिहास और गंभीरता का अद्भुत संयोजन रहे इस नाटक में दिखाया गया कि मौत किसी समस्या का हल नहीं है। जब हमें अपनी समस्याओं के हल नहीं मिल रहे होते, तब निराश होने की बजाय सही समय का इंतज़ार करना चाहिए। हो सकता है कि अगले ही पल हमे अपनी समस्या का समाधान मिल जाए, या वह समस्या ही न रहे।
दिल्ली के ‘भव्य कल्चरल सोसाइटी’ के कलाकारों द्वारा संजय अमन पोपली और मंजीत सिंह के निर्देशन में प्रस्तुत नाटक “मौत क्यूं रातभर आती नहीं” एक मध्यम वर्गीय परिवार के एक व्यक्ति अमित खन्ना की कहानी है, जो अपनी कमज़ोर आर्थिक परिस्थितियों को लेकर काफी परेशान है। उसको इन समस्याओं का कोई हल नजर नहीं आता। तब वह आत्महत्या करने का निश्चय करता है, परंतु कई बार प्रयास करने की बावजूद ऐसा नहीं कर पाता। अंत में उसे एहसास होता है कि आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है। नाटक में इतने गंभीर विषय को बड़े ही सुंदर ढंग और व्यंग्यात्मक तरीके से प्रस्तुत किया गया। नाटक में कई प्रयोग किए गए। सूत्रधार को नाटक के शुरू में लाने की बजाय बीच में लाया गया। इसके अलावा नाटक के दो अंत दिखाए गए, पहले दुखांत और फिर सुखांत।
नाटक में संजय अमन पोपली, समिता चौधरी, मंजीत सिंह, शशांक, कवीन्दर देवगण, विकास शर्मा और रॉकी रावत ने अपने जीवंत अभिनय से ऐसा समा बांधा की दर्शक हंसी से लोटपोट हो गए। नाटक के गीत प्रेम भारती ने लिखे और संगीत मोनिका चौधरी ने दिया। गीतों को आवाज़ रोहन संगत ने दी। दर्शकों ने नाटक का भरपूर आनंद लिया।
स्थानीय किशनपुरा चौपाल में हुए इस आयोजन में सुजाता ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. अलकेश दलाल ने बुके और स्मृति चिन्ह देकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया। इस अवसर पर शक्ति सरोवर त्रिखा, अविनाश सैनी, रविंदर रवि, कविता, मि. भयाना, जगदीप जुगनू, यतिन वधवा मन्नी, ब्रह्म प्रकाश, अनिल सैनी, मनोज कुमार, विकास रोहिल्ला, राहुल हुड्डा सहित सुपवा के विद्यार्थी व अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सप्तक के सचिव अविनाश सैनी ने कहा कि इतनी ठंड और बरसात के बावजूद दर्शकों की उपस्थिति घरफूंक थियेटर फेस्टिवल के प्रति उनके उत्साह को दिखाता है।