
– वैज्ञानिक मानसिकता और सामाजिक न्याय पर कार्यशाला आयोजित।
– आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुआ कार्यशाला का आयोजन।
– जीवन में वैज्ञानिक मानसिकता की ज़रूरत और इसके प्रभाव सहित विभिन्न पक्षों पर गौहर रज़ा व वेदप्रिय ने रखी बात।
रोहतक, 25 दिसम्बर। “सोचने की आजादी वैज्ञानिक मानसिकता है और वैज्ञानिक मानसिकता से ही आजादी की सोच पैदा होती है। देश और दुनिया भर के तमाम उच्चकोटि के वैज्ञानिकों का संबंध आजादी के आंदोलनों से अवश्य रहा है।” उक्त बातें अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क से जुड़े प्रख्यात वैज्ञानिक एवं कवि प्रोफेसर (डॉ.) गौहर रजा ने ज्ञान-विज्ञान आंदोलन हरियाणा द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में कहे। वे कार्यशाला के पहले दिन Scientific Temper विषय पर बोल रहे थे। यह कार्यशाला आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में साल भर चलाए जाने वाले वैज्ञानिक जागरूकता अभियान की कड़ी में आयोजित की गई थी। कार्यशाला में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अलावा सामाजिक न्याय के विषय पर भी विमर्श होगा।
गौहर रजा ने अपनी बातचीत में कहा कि हमारे देश में आजादी से पहले भी लगभग डेढ़ सौ साल तक वैज्ञानिक विमर्श होता रहा है जो आज भी जारी है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुस्तक *डिस्कवरी ऑफ इंडिया* में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बेहतरीन तरीके से रेखांकित किया गया है। तमाम तरह की प्रगतिशील ताकतों एवं लोगों ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को फैलाने में महती भूमिका निभाई है। मगर आज के नीति-निर्माता गणेश के मामले को प्लास्टिक सर्जरी का उदाहरण देकर अवैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. रणबीर दहिया, सन्तोष मुदगिल और प्रभु सिंह के अध्यक्षमण्डल ने तथा मंच संचालन प्रमोद गौरी और कृष्ण वत्स ने संयुक्त रूप से किया।
दूसरे वक्ता वेदप्रिय ने कहा कि हमें आजादी के 75वें वर्ष में खुद का ठोस आंकलन करना चाहिए कि हमारी आजादी और सोच कितनी गलत है या सही है। साईंस को समझने के लिए आलोचनात्मक दृष्टिकोण होना चाहिए। वैज्ञानिक सोच इसे समझने में मदद करता है। उन्होंने पिछले दिनों साधुओं द्वारा धर्म संसद करके एक धर्म विशेष के प्रति नफरत फैलाने के फरमान की कड़ी भर्त्सना की और कहा कि ऐसी ताकतों पर संविधान के तहत समुचित कार्रवाई करनी चाहिए। दोनों वक्तव्यों पर 6 ग्रुप बनाकर गम्भीर विमर्श करके दर्जनों सवाल एवं सुझाव रखे गए। जिन पर दोनों वक्ताओं ने सरल जवाब देकर प्रेरित किया गया।
हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति के सहसचिव सुरेश कुमार ने बताया कि कार्यशाला में हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति, भारत ज्ञान-विज्ञान समिति, हरियाणा विज्ञान मंच, जतन नाटय मंच, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, दलित अधिकार मंच हरियाणा, विकलांग अधिकार मंच हरियाणा, जनवादी लेखक संघ हरियाणा, जनवादी महिला समिति हरियाणा आदि संगठनों से जुड़े करीब 60 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

