किसान आंदोलन के 97वें दिन 2 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू बॉर्डर पर बैठक कर फैसला लिया कि चुनावी राज्यों में भाजपा की पोल खोलने के लिए रैलियों और जनसभाओं का आंदोलन किया जाएगा। इसकी शुरुआत प. बंगाल के कोलकाता से होगी, जहां 12 मार्च को स्थानीय किसानों की पहलकदमी पर एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए मोर्चा के नेता सरदार दर्शन पाल सिंह ने कहा कि अभी 15 मार्च तक के कार्यक्रम तय किए गए हैं। जल्द ही अन्य राज्यों में भी भाजपा को किसान व गरीब विरोधी नीतियों के लिए दंडित करने के लिए जनता से अपील की जाएगा। मोर्चा के प्रतिनिधि भी इन राज्यों का दौरा करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
उन्होंने बताया कि अन्य कार्यक्रमों में 6 मार्च को, दिल्ली बोर्डर्स पर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के 100 दिन हो जाएंगे। उस दिन दिल्ली व दिल्ली बोर्डर्स के विभिन्न विरोध स्थलों को जोड़ने वाले केएमपी एक्सप्रेसवे पर 5 घंटे की नाकाबंदी होगी। वहां सुबह 11 से शाम 4 बजे के बीच जाम लगाया जाएगा और टोल प्लाजा को टोल फीस जमा करने से मुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, भारतभर में आंदोलन के समर्थन और सरकार के विरोध में घरों और कार्यालयों पर काले झंडे लहराए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों को उस दिन काली पट्टी बांधने का भी आह्वान किया है।
8 मार्च का दिन महिला किसान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। देशभर के धरना स्थलों पर इस दिन सभी कार्यक्रम महिलाओं द्वारा संचालित होंगे। इस दिन महिलाएं ही मंच प्रबंधन करेंगी और वही वक्ता होंगी। मोर्चा ने उस दिन महिला संगठनों और अन्य लोगों का आह्वान किया है कि वे किसान आंदोलन के समर्थन में इस तरह के कार्यक्रम करें और देश में महिला किसानों के योगदान को उजागर करें।
देश की शीर्ष 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 15 मार्च को ‘निजीकरण विरोधी दिवस’ का समर्थन करते हुए मोर्चा द्वारा भी विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। एसकेएम इस दिन को ‘कॉरपोरेट विरोधी’ दिवस के रूप में देखते हुए ट्रेड यूनियनों की हड़ताल में शामिल होगा, यानी किसान व मजदूर एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
दर्शनपाल सिंह ने बताया कि किसान मोर्चा पूरे भारत में एक “MSP दिलाओ अभियान” शुरू करेगा। अभियान के तहत, विभिन्न बाजारों में किसानों की फसलों की वास्तविकता कीमत को दिखाया जाएगा, जो मोदी सरकार के एमएसपी देने के झूठे दावों और वादों को उजागर करेगा। यह अभियान दक्षिण भारतीय राज्यों, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से शुरू होगा तथा इसकी शुरुआत 5 मार्च को कर्नाटक के गुलबर्ग व चित्रदुर्गा शहरों से होगी। बाद में पूरे देश को इस अभियान में शामिल किया जाएगा।
मोर्चा के सदस्य रमजान चौधरी के अनुसार, 15 मार्च को मेवात में हसन खाँ मेवाती दिवस मानते हुए बड़ी पंचायत की जाएगी। बता दें कि राजा हसन खां मेवाती 1527 में खानवां, भरतपुर (जहां अभी किसानों का धरना चल रहा है) के मैदान में राणा सांगा और बाबर के बीच हुए युद्ध में राणा सांगा की ओर से लड़ते हुए शहीद हुए थे।