हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों की मूवमेंट को देखते हुए सभी अंतर्राज्यीय और अंतर-जिला सीमाएं सील करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जो जहां है, उसे वहीं रोक कर रखा जाए और कहीं जाने की इजाजत न दी जाए।
मुख्यमंत्री ने 29 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि ऐसे लोगों के लिए वहीं पर रिलीफ़ कैंप स्थापित करके उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की जाए और यदि फिर भी कोई जबरदस्ती करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन रिलीफ कैंपों के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाएं जो इनके खाने-पीने और स्वास्थ्य इत्यादि का ध्यान रखें। इन कैंपों में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी मुख्य मार्गों के साथ-साथ ऐसे रिलीफ कैंप स्थापित किए जाएं, ताकि लोगों को रास्तों पर न रहना पड़े। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर कॉल सेंटर भी स्थापित किए जाएं।
मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा के इस समय समाजसेवी संस्थाओं की भी सहायता ली जाए। स्वंयसेवी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देकर उन्हें कार्य करने दिया जाए। उन्होंने कहा कि राधा स्वामी सत्संग समेत अनेक सामाजिक संस्थाओं ने हर तरह की मदद की पेशकश की है। ऐसे में लोगों को रखने के लिए इनके भवनों का उपयोग किया जा सकता है। ऐसे हर आश्रय स्थल पर एक अधिकारी नियुक्त किया जाए जो लोगों के खाने-पीने समेत विभिन्न जरूरतों का ध्यान रख सके। हर आश्रय स्थल पर सरकार की ओर से स्वास्थ्य तथा सफाई सुविधा का प्रबंध किया जाए। उन्होंने कहा कि जो बुजुर्ग या असहाय व्यक्ति अकेले रह रहे हैं, उनका भी खास ध्यान रखा जाए।
इधर, मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रवासी मजदूरों के भोजन और आवास के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। पविभिन्न जिलों में 129 रिलीफ कैम्प व शेल्टर होम बनाए गए हैं और इनमें रूके हुए 29328 श्रमिकों को समुचित भोजन दिया जा रहा है। इसके साथ ही, अंतरराज्यीय सीमाओं पर नाकाबंदी को और सुदृढ़ किया गया है ताकि प्रवासी मजदूरों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके। मुख्य सचिव ने यह बात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई संकट समन्वय समिति की बैठक के दौरान कही।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अंतरराज्यीय सीमाओं और रिलीफ व शेल्टर होम पर प्रत्येक प्रवासी मजदूर की थर्मल स्क्रीनिंग तथा सभी प्रकार की चिकित्सा जांच की जाए।
यदि किसी में कोरोना का कोई लक्षण दिखाए दे तो ऐसे मजदूरों के क्वारंटाइन करने की भी समुचित व्यवस्था की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जरूरत पड़े तो मजदूरों को ठहराने के लिए स्टेडियमों का प्रयोग किया जा सकता है। वहां उनके खाने-पीने की संपूर्ण व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी को फिर भी खाना न मिले तो राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम में शिकायत करे।
उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि औद्योगिक इकाइयां अपने यहां काम करने वाले श्रमिकों को वेतन देने के साथ-साथ उन्हें रहने और भोजन की सुविधा भी दें। इसके अलावा, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए भी भोजन और रहने की सुविधा सुनिश्चित की जाए। उनकी वेतन से संबंधित समस्याओं का भी समाधान निकाला जाए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा जारी निर्देशानुसार राष्ट्रीय राजमार्गों पर मजदूरों के रहने व खाने-पीने की व्यवस्था एनएचएआई द्वारा ही की जाएगी। ऐसे में, अधिकारी एनएचएआई के साथ समन्वय स्थापित करके ऐसे सभी श्रमिकों के रहने व खाने-पीने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि केवल उन्हीं लोगों को आवागमन की मंजूरी दी जाए, जिन्हें या तो केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा अनुमति प्राप्त है, या जिला प्रशासन द्वारा पास जारी किए गए हैं। इनके अलावा, किसी को भी सड़कों पर आने-जाने की अनुमति नहीं दी जाए। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों से कोई भी व्यक्ति हरियाणा में प्रवेश न करने पाए।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि डॉक्टरों, नर्सों व पैरा मेडिकल स्टाफ के स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखा जाए। पीपीई किट व अन्य मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता व आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।