केन्द्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का दायरा बढ़ा दिया है। अब 250 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले बिजनेस मीडियम एंटरप्राइजेज कहलाएंगे, जबकि अब तक केवल 100 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाले कारोबार ही इस श्रेणी में आते थे।
बता दें कि पिछले महीने घोषित किए गए 20 लाख करोड़ के पैकेज में सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा बदलने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में 2 जून को हुई कैबिनेट की बैठक में मध्यम कारोबार (मीडियम एंटरप्राइजेज) के टर्नओवर की लिमिट को बढ़ाकर 250 करोड़ रुपए कर दिया गया है। यानी, अब इतने टर्नओवर वाले बिजनेस भी मीडियम एंटरप्राइजेज माने जाएंगे। इसके साथ ही, मीडियम एंटरप्राइजेज में निवेश की लिमिट भी 20 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपए कर दी गई है। सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि मीडियम एंटरप्राइजेज के इस 250 करोड़ रुपए में एक्सपोर्ट का रेवेन्यू शामिल नहीं किया जाएगा। आर्थिक पैकेज घोषित करते वक्त सरकार ने टर्नओवर की लिमिट 100 करोड़ रुपए तय की थी।
गौरतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश के कुल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष निर्यात में इनकी हिस्सेदारी लगभग 45 प्रतिशत है। इसीलिए सरकार सूक्ष्म, छोटे और मध्यम कारोबारों (एमएसएमई) के लिए समय-समय पर सस्ते कर्ज समेत कई रियायतें देती है। अब इन रियायतों का फायदा 250 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले बिजनेस को मिल सकेगा।
इसके साथ ही कैबिनेट ने एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ रुपए का फंड ऑफ फंड्स मंजूर किया है। आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के कर्ज की स्कीम भी मंजूर की गई है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एमएसएमई सेक्टर के लिए ‘चैम्पियन्स’ नाम से एक ऑनलाइन प्लेटफार्म लॉन्च किया है। इसका मकसद छोटे और मध्यम उद्योगों की मदद करना, उनकी शिकायतों का समाधान करना, और व्यापार के नए मौके तलाशने में मदद करना है।