– कलाकार कल्याण मंच के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अर्जुन वशिष्ठ ने किया ऐलान – कलाकारों का बीमा करे व बुजुर्ग कलाकारों को पेंशन दे सरकार – विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में कला संबंधी पोस्ट भारी जाएं रोहतक, 28 जुलाई। प्रदेश के कलाकारों की मांगों को लेकर जल्द ही कलाकारों का एक शिष्टमंडल हरियाणा के संस्कृति मंत्री से…
Category: साहित्य-संस्कृति
सावन की नायिका कंवर निहालदे
– लोकगीतों में मिलती है उसके सच्चे प्रेम की झलक– इंद्री के पास स्थिति एक ऐतिहासिक महल को निहालदे का महल माना जाता है– पश्चिम यूपी के कासना में है सती निहालदे का मंदिर– हरियाणा में निहालदे के नाम से लोक गायन शैली भी है। मायड़ बरजै कंवर निहालदे जी,ए बेट्टी बाग झूलण मत जाए,…
मेघा बरसो
मेघा बरसो रिमझिम-रिमझिम जीवन में उल्लास की खातिरसतरंगी आकाश की खातिरकृषक के विश्वास की खातिरऔर जातक की प्यास की खातिरमेघा बरसो रिमझिम-रिमझिम। बागों में सुबास की खातिरछोटी-छोटी घास की खातिरहर आम और खास की खातिरनव जीवन की आस की खातिरमेघा बरसो रिमझिम-रिमझिम। भंवरों के गुंजान की खातिरवन उपवन की शान की खातिरमोती के निर्माण की…
हरियाणा की खेल हस्तियां : लगातार दो एशियाई खेलों में गोल्ड जीतने वाले देश के इकलौते मुक्केबाज़ कैप्टन हवा सिंह
– लगातार 11 बार राष्ट्रीय हैवीवेट मुक्केबाजी चैंपियन रहने का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम है – मिन्नी क्यूबा के नाम से प्रसिद्ध भिवानी बॉक्सिंग क्लब के जनक हैं कैप्टन कुश्ती के अलावा मुक्केबाजी एक और ऐसा खेल है, जिसमें हरियाणा के खिलाड़ियों ने विशेष नाम कमाया है। मुक्केबाजी में देश के पहले ओलंपिक पदक…
ओलंपिक में हरियाणा
नेहा गोयल (हॉकी) जन्म : 15 नवंबर 1996 (आयु 24 वर्ष)स्थान : ज़िला सोनीपत, हरियाणालंबाई : 1.52 मी ( 4 फ़ीट, 9 इंच )वज़न : 54 kgखेल में पोजिशन : मिडफील्डर हैं। अटैकिंग व डिफेंस दोनों में माहिर हैं और स्ट्राइकर को बेहतर सहयोग देती हैं।उपलब्धि – रेलवे की गोल्ड मेडलिस्ट सीनियर टीम की नियमित सदस्य। 2018 के एशियाई खेलों के फाइनल…
हरियाणा की खेल हस्तियां : विश्व चैंपियनशिप के पहले पदक विजेता पहलवान उदयचंद
कुश्ती के लिए देश के पहले अर्जुन अवार्ड विजेता भी हैं उदयचंद आज कुश्ती में हरियाणा के खिलाड़ियों की विश्वस्तर पर धाक है। एशियाई खेलों और वर्ल्ड चैंपियनशिप के अलावा हमारे पहलवान ओलंपिक पदक भी हासिल कर चुके हैं। देश की पहली ओलंपियन महिला पहलवान और देश के लिए कुश्ती में पहला ओलंपिक पदक जीतने…
जवान हो रही बेटी
बेटीजवान हो रही है उसे सिखाओ-चूल्हा-चौकाझाड़ू-पोछासीना-पिरोनाउसे सिखाओ – उठने-बैठनेबोलने-चालनेसजने-संवरनेका सलीका। बेटीजवान हो रही हैआना चाहिए उसेअपनी इच्छाओं कागला दबानासपनों कीबलि चढ़ाना,भावनाओं को मारनेजीत कर भी हारनेसब सहनेकुछ न कहनेजी-तोड़ कमानेऔरहक न जताने का हुनर। बेटीजवान हो रही हैउसे डालनी ही होगीजल्दी उठनेदेर से सोनेपिटने-रोनेऔरपरंपराओं को ढोने कीसहज आदत। बेटीजवान हो रही हैवर्जित है उसके लिएअपने ख्वाबों…
चाहिए सारा जहां
एक टुकड़ा धूपएक मुट्ठी हवाथोड़ा सा खुलापनथोड़ी सी आज़ादीसांस लेने भर कोहो सकते हैं काफ़ीपरजीने के लिए तो चाहिएसारा जहांऔरखुला आसमांहमारी बेटियों को। – अविनाश सैनी
घूंघट
बिना आवाज़ केएक आवाज़बिना चेहरे केएक चेहराबिना नज़रों केदो आंखेंबिना एहसास केजज़्बातों भराएक दिल। ज़िन्दगी भर रहता हैहमारे आसपासहमें कोसते हुएबिना कसूर केचुपचाप सजा भोगते हुए। और हम21वीं सदी के रोबोटदेख नहीं पातेझीने से कपड़े कीसख्त दीवार के परेपल-पलदम तोड़ती संवेदना,महसूस नहीं कर पातेज़िंदगी भरअपनों के बीचमुंह छुपाकर जीने की पीड़ा। मात्र संवेदनहीनता नहींदुनिया कीआधी…
वह जीवनशक्ति
वहजन्म लेती है तोसहम जाती है दुनियाहिल जाती है पितृसत्ताबोझ से दब जाती है धरती। वह बड़ी होती हैकिंवदंतियां गढ़ती हुई,चुपचापसबसे आंख बचाकरऔर एकाएकहो जाती है ढींग कि ढींगकिसी तिलिस्म की तरह। दुनिया के माथे परलकीरें खिंच जाती हैं। जिसके दम पर हैंरंगीन नज़ारेसंसार का तमाम सौंदर्यजिसके होने में है,अपने दुख-दर्द कोखूबसूरत रचनाओं में ढालतीवह…