मेरे झुकने सेबड़ा हो जाता हैकद तुम्हारा मेरे चुप रहने सेमिल जाता है तुम्हेंअभिव्यक्ति का एकाधिकारलगता है किसारी का कायनात मेंसिर्फ तुम ही तुम हो सूख जाता हैतुम्हारे दुखों का सागरमेरे रोने से,तुम्हारी खुशियों कोमिल जाते हैंनए क्षितिज मेरे डरने सेखत्म हो जाता हैडर तुम्हारे अंदर काऔर तुमशेर हो जाते हो तुम्हारी पूर्णता कापैमाना हैमेरा…
Category: साहित्य-संस्कृति
सरकार से नाराज कलाकार खुद करेंगे एक-दूसरे की मदद
रोहतक 27 जून। आज यहां हरियाणा के विभिन्न जिलों से आए कलाकारों ने कोरोना लॉकडाउन में कलाकारों की दयनीय स्थिति और सरकार द्वारा उनकी अनदेखी के मुद्दे एक मीटिंग का आयोजन किया गया। मीटिंग की अध्यक्षता आकाशवाणी रोहतक के पूर्व निदेशक कैलाश वर्मा ने की। मीटिंग में तय किया गया कि पूरे हरियाणा के कलाकारों…
मेरी पींग तळै लांडा मोर नाच्चै
गीत सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में त्योहार के रूप में मनाया जाता है। ग्रामीण इलाके का यह प्रतिनिधि ऋतु-पर्व तीज या हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब ही नहीं, नेपाल में भी तीज लोक परंपरा…
ज़ुल्म के खिलाफ बग़ावत की मिसाल – इक़बाल बानो
।। अशोक पांडे ।। हरियाणा में रोहतक के केवल गंज के एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी दसेक साल की उस दुबली मुस्लिम लड़की की एक सबसे पक्की हिन्दू सहेली थी। सहेली और उसकी बहन अपने संगीतप्रेमी पिता के निर्देशन में क्लासिकल गाना सीख रही थीं। एक दिन उस लड़की ने उनके सामने ऐसे ही कुछ…
तिल-तिल मरते समाज की टीसती कहानी : सुल्फ़ी यार
– हरभगवान चावला (वरिष्ठ कथाकार एवं कवि हरभगवान चावला की अमित ओहलाण के उपन्यास ‘सुल्फी यार’ पर विस्तृत समीक्षा) अमित ओहलाण हरियाणा के प्रतिभाशाली युवा उपन्यासकार हैं। इनका पहला उपन्यास ‘मेरा यार मरजिया’ ख़ासा चर्चित रहा था, विशेष तौर पर इस उपन्यास की विशिष्ट शैली ने प्रबुद्ध पाठकों का न केवल ध्यान खींचा, बल्कि…
जनता के बुद्धिजीवी डीआर चौधरी
हरियाणा के वरिष्ठ लेखक, सामाजिक-राजनीतिक चिंतक, बुद्धिजीवी, पत्रकार और शिक्षाविद प्रो. दौलत राम चौधरी नहीं रहे। वे 86 वर्ष के थे और कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्होंने 2 जून को तड़के अपने निवास पर अंतिम सांस ली। डीआर चौधरी के नाम से प्रसिद्ध डॉ. चौधरी मूलतः हरियाणा के चौटाला गांव के रहने…
बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के 20 अनमोल विचार
बुद्धि का विकास मानव अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे की सीख दे। मैं किसी समुदाय की प्रगति को इस बात से मापता हूं कि उस समुदाय की महिलाओं ने कितनी तरक्की की है। जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देगा, वह आपके किसी काम की नहीं है। आज भारतीय दो अलग-अलग विचारधाराओं से शासित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श (जो संविधान की प्रस्तावना में इंगित हैं) तो स्वतंत्रता, समानता…
जलियांवाला बाग हत्याकांड की बरसी पर एक अनछुआ प्रसंग
“शहीदों के रक्त से लथपथ हुई जलियांवाला बाग की जमीन को इंडियन नेशनल कांग्रेस द्वारा गठित समिति ने सर्वप्रथम 1923 में इसके 34 मालिकों से 5,65,000 रुपए में खरीदा था। इसके लिए गाँधी जी के नेतृत्व में 9 लाख से अधिक धनराशि एकत्र हुई थी। शेष लगभग चार लाख रुपए ब्याज पर बैंक में स्थायी…
संडे थियेटर में हुआ नाटक ‘बेबाक मंटो’ का मंचन
“ज़माने के जिस दौर से हम इस वक्त गुज़र रहे हैं अगर आप उससे अनजान हैं तो मेरे अफसाने पढ़िए। अगर आप इन अफसानों को बर्दाश्त नहीं कर सकते, तो इसका मतलब है कि यह ज़माना नाकाबिले बर्दाश्त है।… मैं इस सभ्य सोसायटी की चोली क्या उतारूंगा, जो है ही नंगी।” ये संवाद हैं सप्तक…
संडे थियेटर : मंटो और गुलज़ार की तीन कहानियों का हुआ मंचन
विश्व रंगमंच दिवस और होली के उपलक्ष्य पर इस बार संडे थियेटर में तीन कहानियों का मंचन किया गया। चुनी गई कहानियों में दक्षिण एशिया के मशहूर लेखक ‘सआदत हसन मंटो’ की कहानी ‘टोबा टेकसिंह’ और भारतीय सिनेमा के सशक्त हस्ताक्षर ‘गुलजार’ की कहानी ‘सीमा’ तथा ‘रावी पार’ शामिल रहीं। सप्तक रंगमंडल, पठानिया वर्ल्ड कैंपस…